अपना वक्ष
और कमर उघाड़ कर
तुम अब अध-खायी सी लगती हो
विरक्ति
एक बच्चे का जन्मदाता
बन
जाती
है
यह घनिष्टता
मिथ्या थी गुस्सा और नाटकीयता
स्पष्ट दिखायी
दे
रहे
थे
अब पैतृकता
का
दावा
धराशायी
हो
गया
है अधोवस्त्रों
की
सीमाएं फट गई थीं
आत्मचित्र
को
रेखित
करते
समय
मैंने अपने चेहरे पर एक घाव
बना लिया था तुम्हें
स्त्रावत
करने
के
लिये
हाथ के एक झटके से
तुमने सम्पूर्ण
भविष्य
को
मिटा
दिया
है
सतीश वर्मा
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