तुम
हमेशा
अपनी
आँखों
में
चाँद
को
उतार
लेते
हो
मैं
अपनी
पलकों
को
नहीं
गिराऊँगा
मैं
अपने
आप
से
बात
कर
रहा
था
उस
विप्रीप्तता
के
बारे
में जो
वीर्य
को
काछते
हुए
दुग्ध-श्वेत
डेज़ी
के
फूलों
पर
काले
पत्थर
फेंक
रही
थी
उन
खेतों
के
पक्ष
में
जहाँ
गहराई
में
हल
नहीं
चले
थे
और
बीजों
को
बीहड़
में
छितरा
दिया
गया
था
एक
दिन
तेदुंआ
जंगल
में
स्वयं
हो
दिवंगत
हो जायेगा, खड़े
खड़े
सिर
झुका
कर
हिलते
हुए, एक
तरफ
झुकते
झुकते
धराशायी
होते
हुए
·भुक्तशेष
के
देह
से
अब
कोई
·फेरॅमोन
प्रसारित
नहीं
होंगे
· एक जैव
रसायन
जो
किसी
स्तनपायी
या
कीट
की
देह
में
निर्मित
होकर
वातारवरण
में
प्रसातिर
होकर
अपनी
जाति
के
जीवों
कें
व्यवहार
या
जैविकी
को
प्रभावित
करता
है
सतीश
वर्मा
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