· विच हेज्रल
ने
सोचने
से
पूर्व
ही
छलांग
लगा
ली
थी सवाल उठने लगे
हैं
कोयल
आज
क्यों
नहीं
गायेगी ?
हमारे
बीच
उठायी
हुई
दीवार
को
ठकठका
रहा
हूँ
एक
नन्ही
खिड़की
को
समुद्र
की
तरफ
खोलते
हुए
अजीब
बातें
हो
रही
हैं
पूनम
के
चाँद
से
खून
बह
रहा
है
संकोचन
के
लिये
मैं
पर्वत
के
संगीत
को
बुलाता
हूँ
यह
भंजित
राजनीति :
एक
धमाके
के
बाद
तुम
पत्थर
बन
जाते
हो
और
परिधि
के
तरफ
मुड़
जाते
हो
अर्ध-नग्न
एक
लघुप्रतिमा
रात
को
घूम
रही
थी
उस
शवगृह
को
ढूँढने
के
लिये
जहाँ
अपोलो
की
लाश
को
रखा
गया
था
सतीश वर्मा
· एक सुन्दर
झाड़ी
जिसके
पीले
फूल
बड़ी
सुगन्ध
बिखेरते
हैं
इस
पादप
की
पत्तियों
और
छाल
से
एक
संकोचक
चिकित्सकीय
तत्व
निकलता
है
जो
रूधिर
प्रवाह
को
रोक
देता
है
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