जब
जि़न्दगी
गुजर
जाये
और
सारे
तोते
उड़
जायें
तो
तुम
मुझे
नहर
ले
जाना
पूरा
जीवन
छोटे
छोटे
पदचिन्हों
पर
चलते
बीत
गया सारे रास्ते
आधारनामों
की
भीड़
रही
जब
एक
नाम
पूरा
हो
जाये
और
बालों
की
टोपियाँ
उतर
जायें
तो
तुम
मुझे
नहर ले
जाना
जब
तुम्हारी
काट
कर
हत्या
की
जा
रही
थी
और
बच्चों
के हाथों
में बन्दूकें
थीं
तुमने
अपना
शोकगीत
स्वयं
ही
लिख
लिया
था
जब
सड़क
बन
जायेगी
और
पत्थर
हट
जायेंगे
तो
तुम
मुझे
नहर
ले
जाना
ऊँची
एन
नीले
चाँद
की
रात
एक
दिन
हाथी
घास
में
यात्रा
शुरू
होगी
जहाँ
झाडि़यों
के
पीछे
वो
छिपे
बैठे
है
जब
मैं
गुलाबी
और
सफेद
एक
पताका
फहराऊँगा
तो
तुम
मुझे
नहर
ले
जाना
हथकड़ी
पहिनाकर
किसी
अज्ञात
साजि़श
के
तहत
सच्चाई
को
जेल
भेजा
गया
है मैं जब तुम्हारे
लिये
एक
कब्र
खोदूँगा
तो
तुम
मुझे
नहर
ले
जाना
सतीश वर्मा
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