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Friday, September 14, 2012

नाज़ुक स्थिति


जब जि़न्दगी गुजर जाये
और सारे तोते उड़ जायें
तो तुम मुझे नहर ले जाना

पूरा जीवन छोटे छोटे पदचिन्हों पर
चलते बीत गया    सारे रास्ते आधारनामों
की भीड़ रही
जब एक नाम पूरा हो जाये
और बालों की टोपियाँ उतर जायें
तो तुम मुझे नहर ले जाना

जब तुम्हारी काट कर हत्या की जा रही थी
और बच्चों के हाथों  में बन्दूकें थीं
तुमने अपना शोकगीत स्वयं ही लिख लिया था
जब सड़क बन जायेगी और
पत्थर हट जायेंगे
तो तुम मुझे नहर ले जाना

ऊँची
एन नीले चाँद की रात एक दिन हाथी
घास में यात्रा शुरू होगी जहाँ
झाडि़यों के पीछे वो छिपे बैठे है    जब
मैं गुलाबी और सफेद एक
पताका फहराऊँगा
तो तुम मुझे नहर ले जाना

हथकड़ी पहिनाकर
किसी अज्ञात साजि़श के तहत सच्चाई को
जेल भेजा गया है  मैं जब तुम्हारे लिये एक कब्र खोदूँगा
तो तुम मुझे नहर ले जाना

सतीश वर्मा

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