बिन्दु
यह
था
कि
उसने
बन्धक
को
ही
निगल
लिया
था
धरती
जैसे
फट
गई
थी
अन्तिम
शीतनिद्रा
शुरू
हो
गई
थी
सिर्फ
एक
ही
सच्चाई
से
बचते
हुए
फैासले
की
घड़ी
में
अब
खूनी
तथ्यों
की
माँग
रखी
गई
थी
अगर
मैं
अपनी
दास्तान
बताता
हूँ
तो
तुम
मुझे
नष्ट
करने
पर
उतारू
हो
जाते
कोई
रुदन
नहीं
था हरे राम हरे
राम
कहते
हुए
निरीह
प्राणियों
को
विकलांग
बनाने
का
क्रम
शुरू
हो
गया
था
मैं
कुछ
नहीं
कर
पाने
की
अवस्था
में
उबल
रहा
था
अपनी
झूठी
गढ़ी
विजय
पताका
लेकर
तुम
एक
घर
का
ताला
तोड़
कर
प्रविष्ट
होते
हो
और
तुम्हें
ज्ञान
होता
है
कि
स्वर्णिम
अँगीठी -पट
से
कोई
रजत
के
भगवान
को
उठा
कर
ले
गया
है
तुम
एक
ऊँचे
वृक्ष
पर
चढ़ते
हुए
अन्तिम
छोर
पर
जाकर
स्पष्ट
नीलिमा
में
अदृश्य
हो
जाते
हो
सतीश
वर्मा
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